इस जाल में माल कहां !

देश की आंतरिक सुरक्षा में तकनीक के जरिए सेंध लगाकर विदेशी शातिर धोखाधड़ी को अंजाम देने में जुटे हैं। यह धोखाधड़ी इतने बड़े पैमाने पर हो रही है कि देश के साइबर क्राइम विशेषज्ञ और तकनीकी जानकारों के होश उड़े हुए हैं। नाइजीरिया, ऑस्ट्रेलिया, बेनिन और ब्रिटेन सहित एक दर्जन से ज्यादा देशों से प्रसारित फर्जी और लुभावने ई-मेल इस धोखाधड़ी का अहम साधन बन रहे हैं।

ई-मेल के जरिए तीन बड़े घोटालों (ब्लैक डॉलर घोटाला, लोटो लॉटरी घोटाला, 419 घोटाला) को अंजाम दिया जा रहा है। इन घोटालों में लिप्त जालसाजों व दिल्ली पुलिस के अलग-अलग अधिकारियों और ऐसे मामलों पर जांच में जुटी एजेंसियों से तथ्य जुटाए। इसी पड़ताल में मेरा संपर्क उन लोगों से बना, जो इस तंत्र को सुगठित गैंग के जरिए चला रहे हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक जयपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों से अफ्रीकन देशों से आए जालसाज सारा खेल कर रहे हैं। इस जालसाजी से कमाए धन का उपयोग आपराधिक गतिविधियों के इस्तेमाल में हो रहा है। जिनमें फर्जी पासपोर्ट बनवाना, ड्रग कारोबार में पैसे का इस्तेमाल और हुंडी जैसे गैर कानूनी तरीकों से पैसे को जुटाना शामिल हैं।

डेढ़ अरब का प्रस्ताव

ई-मेल के जरिए धोखाधड़ी की तफ्दीश करते समय मैंने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से जानकारी जुटाने के बाद इंटरनेट के जरिए कुछ संपर्क साधे। मुझे जो लुभावने ई-मेल आए थे, मैंने उन पर संपर्क किया। इस प्रक्रिया के दौरान बेनिन के सेंट्रल बैंक गवर्नर कार्यालय के कथित विदेश विभाग के नाम से मुझे ई-मेल के जरिए संपर्क किया गया। संपर्क डॉ. डेविड उकपडी ने किया जिन्होंने खुद को सेंट्रल बैंक का सचिव बताया।ई-मेल में डॉ. डेविड ने साफ तौर पर कहा कि, 'बेनिन सरकार के आदेश हैं कि 3 करोड़, 88 लाख अमरीकी डॉलर यानी लगभग एक अरब, 55 करोड, 20 लाख रुपए तत्काल आपके खाते में डलवा दिए जाएं। इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) के जरिए कुछ समस्या होने के कारण हम यह पैसा आपको टेलीग्राफिक ट्रांस्फर या स्विफ्ट ट्रांस्फर के जरिए ही भेज पाएंगे। इसके लिए बैंक की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और आपका पैसा एक डोमेंट खाते में अगले दावे तक के लिए रख दिया गया है। आप हमें अपना फोन नंबर और घर का पता तुरंत भिजवाएं ताकि आप अपना पैसा यूरो के्रडिट यूनियन के जरिए तुरंत ले सकें।'

6 करोड़ की सौदेबाजी, 22 करोड़ का सौदा

एक और मामले में कथित जिम्बाव्वे निवासी मार्क काबारेट ने खुद को 45 वर्षीय शिपिंग व्यापारी (न्योनी शिपिंग लाइंस से संबंधित) बताकर मुझसे लगभग 6 करोड़ रुपए की मांग की। मार्क के मुताबिक वह अर्से से ब्रिटेन में हैं और अपना शिपिंग व्यापार हाल ही ब्रिटिश सरकार के कारण छोड़ चुके हैं। मार्क ने कहा, 'आपके द्वारा भेजा गया 6 करोड़ रुपया मैं एक सिक्योरिटी फर्म के जरिए वापस भारत लाऊंगा, जहां हम मिलकर व्यापार करेंगे। इसके बदले 20 प्रतिशत एक मुश्त और तीन वर्ष बाद पूरी रकम 5 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस लौटाऊंगा।' मार्क ने प्रस्ताव के जवाब के साथ निजी फोन नंबर व पते की मांग भी की। इसके बदले मैंने मार्क को व्यापार के लिए 6 की बजाय लगभग 4 करोड़ रुपए देने की बात कही। सौदे की इस वार्ता की एवज में मार्क ने मुझे ई-मेल पर 5.5 मिलियन अमरीकी डॉलर यानी लगभग 22 करोड़ रुपए का 3 पन्नों वाला एग्रीमेंट अपने वकील ऐलन कॉली से तैयार करवाकर भिजवा दिया। इस एग्रीमेंट के मुताबिक मुझे 22 करोड़ रुपए मार्क को देना व इसे खर्च करने के अधिकार मार्क को देने की बात कही गई थी, जिस पर मुझसे महज हस्ताक्षर की मांग की गई थी। इस संबंध में मैंने नाइजीरिया पुलिस की ऐसे घोटालों पर काम कर रही विशेष टीम से संपर्क भी साधा, लेकिन दो महीने से भी ज्यादा समय निकल जाने के बावजूद नाइजीरिया पुलिस की इन घोटालों पर काम कर रही स्पेशल टीम ने कोई जवाब नहीं दिया।

फर्जी पता, फर्जी व्यापारी

खुद को ब्रिटिश व्यापारी बताने वाले मार्क और उसके वकील एलन कॉली की वास्तविकता का पता लगाने के लिए मैंने इंग्लैंड संपर्क साधा। मार्क और उसके वकील द्वारा दिए पते पर एग्रीमेंट मिलने के अगले ही दिन संपर्क भी किया गया, जिसमें पता चला कि न तो इस नाम से कोई व्यक्ति यहां है और न ही मार्क के वकील की कंपनी अस्तित्व में है। एग्रीमेंट में लिखे पते का जो प्लॉट का नंबर मार्क ने 383 बताया उस जगह इस नंबर का प्लॉट था ही नहीं।

(अगली कड़ी में आप कल जानेंगे दुनिया की कौन-कौन सी बड़ी कंपनियों, बड़े नामों के हुबहू फर्जी दस्तावेजों को जरिया बनाकर हो रही है जालसाजी - पढऩा ना भूलें 'बड़े नाम पर जालसाजी')

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4 comments:

Unknown said...

ऐसी खतरनाक और बड़ी साजिशों का खुलासा कर के आपने सही समय पर सावचेत किया है

आपको बहुत बहुत बधाई !

प्रियवर प्रवीण भाई !

कडुवासच said...

... bahut khoob, prasanshaneey !!!!

Gyan Darpan said...

बहुत मेहनत की है आपने इस खुलासे के लिए | अगली कड़ी का इन्तजार .......

Udan Tashtari said...

सही कार्य कर रहे हैं. न जाने कितने लोग लालचवश इन चुंगलों में फंस जाते हैं. जारी रहिये!!