चेतन भगत से मेरी हाल ही मुलाकात महज एक संजोग बन गई। सप्ताहभर पर पहले जिस मशहूर साहित्यकार के उपन्यास 'थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ' को लेकर मैं अपने दोस्त से चर्चा कर रहा, उसी से मेरी अचानक मुलाकात हुई।
चेतन भगत जयपुर आए। ...और लगभग 25-30 मिनट तक हम गुफ्तगू करते रहे। मुलाकात के एक दिन पहले एक्सीडेंट के कारण मेरा पांव हिलाना भी मुश्किल हो रहा था। चेतन से मुलाकात के लिए जब फोन आया, तो मैं अपने पट्टियां बंधे पांव के साथ बिस्तर पर था। फोन पर आवाज आई, 'आज शाम आप चेतन भगत के साथ हैं। चेतन आपसे बातचीत भी करेंगे और साथ ही डिनर लेंगे।'
एक तरफ टूटी टांग और दूसरी तरफ चेतन भगत। करता भी क्या? मैंने हां कह दी। शाम साढ़े सात बजे चेतन और उनकी मां के साथ मैं बैठा था। चौदह सवालों पर मेरी उनसे बातचीत हुई। चेतन ने स्वीकार किया कि इस बातचीत में कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन्हें आज तक चेतन से किसी ने नहीं पूछा। होटल रमाड़ा में डिनर के चेतन के आग्रह पर मैंने हाथ जोड़ लिए। चेतन के चेहरे पर लगातार मुस्कुराहट बिछी रही कि मैं बिस्तर पर होकर भी उनसे मिलने चला आया। एक विनम्र युवा साहित्यकार से मेरी यह मुलाकात संजोग से कुछ इस तरह प्लान हुई, जैसे फिल्म चल रही हो और मैं परदे के सामने उसे बैठा देख रहा हंू।
चेतन भगत से मेरी मुलाकात और बातचीत (हिंदी ने मुझे अपनों से जोड़ा) को विस्तार से पढऩे के लिए इस तस्वीर पर क्लिक करें...
6 comments:
वो चौदह सवाल कौन से लिंक में है ? हमें तो नहीं मिले....
... अब पैर कैसा है आपका ?
मिल गया... मिल गया.... शुक्रिया
achche sawal hain...lekin jawab kuch kamzor lage maslan unka yah kahna ki hindi sahitya ab angrezi ki tulna mein pichad raha hai.
nice post
very welldaone,,, praveen,,, i like the way you write it.
@varsha; truth will be a truth either you except it or not.
five point someone: kash meri kahani hoti par meri kahani na ho saki...
One night @ call center !!:kash meri kahani na hoti par meri kahani ban gayi...
Three mistakes of my life: kam se kam is maamle main lucky hoon nah ye meri kahani hai na main chahta hoon ki ye ho...
teeno hi pustakein acchi thi...
aur wo 14 uttar kahan milenge pata nahi !!Can't see photo may be system glitch
(since m not that tech savy)
Post a Comment