फर्जीवाड़े की मिसाल देखिए...

ऐसे ही फर्जीवाड़े से आप जरूर रूबरू हुए होंगे। 5-50 लाख डॉलर की लॉटरी का कोई ई-मेल आपके पास भी आया होगा। मुझे भी आया। करोड़ों के सौदे का एक प्रस्ताव मैंने ऐसे ही जालसाज से अपने नाम पर मंगवा भी लिया। ...लेकिन अब तो हद हो गई। मेरे एक मित्र को इसी महीने की 3 तारीख को जालसाजी से भरापूरा ई-मेल 'हिंदी' में मिला है।
इस तस्वीर को देखकर फर्जीवाड़े की हद का अंदाजा आप भी लगा सकते हैं। पहले जहां ऐसे ई-मेल अंग्रेजी भाषा के उपयोग के साथ मेल बॉक्स में आया करते थे, अब हिंदी में आने लगे हैं।
ऐसे ही एक मामले को खंगालता-खंगालता जब मैं काफी आगे निकल गया, तो मुझे पिछले दिनों कई गोपनीय बातों का पता चला। पुलिस विभाग के चंद सूत्रों और डीआईजी से मेरी मुलाकातों में सामने आया कि ऐसे फर्जीवाड़ों में लोकल दलाल बड़ी भूमिका निभाते हैं। कैसे चलता है सारा खेल आप जल्द ही (17 नवंबर को) यहां पढ़ सकते हैं। बस ऐसे जालसाजों से सावधान रहिए और अगली कड़ी का इंतजार कीजिए। कुछ पुख्ता सबूतों के साथ अगली मुलाकात होगी....
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10 comments:

Anonymous said...

इंतज़ार रहेगा आपकी अगली पोस्ट का..

दुलाराम सहारण said...

ऐसी जालसाजियों को नाकाम करना नैतिक दायित्‍व भी है, आप धन्‍यवाद के पात्र हैं।
खोजी पत्रकार की खोज का इंतजार रहेगा।

aarya said...

प्रवीण जी
सादर वन्दे!
जो सबके काम आएगी ऐसी पोस्ट लिखने के लए धन्यवाद!
रत्नेश त्रिपाठी

Astrologer Sidharth said...

बहुत पुरानी न्‍यूज आपने एक बार फिर ब्रेक कर दी :)

Mohammed Umar Kairanvi said...

बढिया जानकारी, अगली कडी का इन्‍तजार रहेगा,

राजीव तनेजा said...

अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा...
और हाँ...हँसते रहो पर पहेली में आपकी तस्वीर लगाई है
http://hansteraho.blogspot.com/2009/11/20.html

Udan Tashtari said...

इन्तजार करेंगे...

Kulwant Happy said...

इस बहाने में तो हर रोज करोड़पति हो जाता हूं। हर रोज मुझे कोई न कोई लॉटरी जीतने की खबर मिलती है, और मैं उसको वहीं भूल जाता हूं। हिन्दी से अभी सामना नहीं हुआ।
युवा सोच युवा खयालात

Gyan Darpan said...

प्रवीण जी
ऐसी मेल अक्सर आती रहती है आज से दो साल पहले मैंने एक मेल का जबाब दिया यह देखने के लिए कि ये आगे क्या मांगते है एक दो बार के सवाल जबाब के बाद उन्होंने चेक भेजने के लिए चार कोरियर में से किसी को चुनने का लिखा साथ ही हर कोरियर की फीस भी लिखी | मैंने उन्हें लिखा कि कोरियर के पैसे काट कर बाकी रकम का चेक भेज दे उसके बाद उस व्यक्ति का मेल नहीं आया | ऐसे ही एक बार मेरे एक जानकर की बेटी के पास तो इस तरह के फर्जी वाडे करने वाले का फोन तक आया | अब भी हर रोज ऐसी मेल आती रहती है जिन्हें में देखते डिलीट कर देता हूँ | जब से गूगल ने ट्रांसलेट की सुविधा दी है तब से ये मेल हिंदी में भेजने लगे है | और हाँ इन्टरनेट पर वही ठगा जाता है जो लालची होता है इसीलिए ये लोग पहले कोरियर फिर ड्राफ्ट बनाने की कमीशन का पैसा थोडा थोडा कर मांगते है और देखते है सामने वाला कितना लालची है जो जितना बड़ा लालची होता है उतना ही ज्यादा ठगा जाता है |
आपकी अगली कड़ी का इन्तजार रहेगा |

संजय भास्‍कर said...

जो सबके काम आएगी ऐसी पोस्ट लिखने के लए धन्यवाद!

SANJAY BHASKAR